डेढ़ साल के बच्चे का ट्रांस इसोफेजियल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी से सफल इलाज

डेढ़ साल के बच्चे का ट्रांस इसोफेजियल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी से सफल इलाज

बच्चे का सफल इलाज करने वाली टीम।

देहरादून। Successful treatment with transesophageal electrophysiology डेढ़ साल के बच्चे का ट्रांसएसोफेजियल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी से सफल इलाज किया गया। ऐसा करने वाला मंहत इंद्रेश अस्पताल उत्तर भारत में पहला और पूरे भारत में सीएमसी वेल्लोर के बाद दूसरा केंद्र हैं। शिशु जब माता के गर्भ में था तभी असामान्य हृदय गति से संबंधित बीमारी का पता चला था जिसके इलाज हेतु उन्होंने बहुत से डॉक्टर को दिखाया था परंतु सभी ने इलाज के लिए बाहर बड़े अस्पताल ले जाने के लिए सलाह दी।

इसके बाद माता पिता श्री महन्त इंदिरेश अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर साहिल महाजन से परामर्श हेतु ओपीडी में आए तथा डॉक्टर साहिल महाजन द्वारा शिशु का गर्भ में तथा जन्म के पहले महीने से लेकर 1.5 साल तक बीमारी को दवाइयों के द्वारा ही नियंत्रित रखा गया।

डॉक्टर द्वारा ईसीजी वा इकोकार्डियोग्राफी जांच का अधय्यन कर बच्चे के माता पिता को बच्चे की समस्या बताई वा भारत में नवीनतम तकनीक ट्रांसएसोफेजियल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी अध्ययन द्वारा इलाज करने की सलाह दी बच्चे के माता पिता द्वारा मंहत इंद्रेश अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर साहिल महाजन पर अटूट विश्वास करते हुए अपनी सहमति दी जिसके के बाद दिनांक 3 नवंबर 2023 को डॉक्टर साहिल महाजन ने डॉक्टर जॉन रोशन जैकब प्रोफेसर सीएमसी वेल्लोर जो प्रॉक्टर के रुप में उपस्थित थे|

डॉक्टर अभिषेक मित्तल वा अन्य स्टाफ के साथ मिलकर बच्चे का ट्रांसएसोफेजियल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी अध्ययन के द्वारा बच्चे की जन्मजात बीमारी के कारण का पता करके उसका सफलता पूर्वज इलाज किया गया। बच्चा अभी बिल्कुल स्वस्थ है तथा इसके बाद उसकी इस रोग से संबंधित दवाइयां भी बंद हो चुकी है।

मंहत इंद्रेश अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग उत्तर भारत के बड़े कार्डियोलॉजी विभागो में से एक है जहा ह्रदय रोग से संबंधित बीमारियों का अत्याधुनिक तकनीक द्वारा इलाज किया जा रहा है। पहले मरीज इलाज करवाने बड़े बड़े शहरों के बड़े अस्पताल में इलाज कराने हेतु भटकते रहते थे परतु अब दूसरे राज्यों से इलाज हेतु मरीज मंहत इंद्रेश अस्पताल पहुंच रहे है।

उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यो से आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज देने में भी मंहत इंद्रेश अस्पताल सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। इसके अलावा अन्य पैनल जैसे ईसीएचएसए गोल्डन कार्ड ए ईएसआईए सीएपीएफ इत्यादि कार्ड धारकों को इलाज की सुविधा भी पूर्व के तरह सुचारू रूप से चल रही है।

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