नौजवानों को नशे की ओर धकेल रही शराब नीति : कांग्रेस

नौजवानों को नशे की ओर धकेल रही शराब नीति : कांग्रेस

  • सरकार प्रदेश को विकास नही विनाश की ओर बढ़ा रहीः माहरा
  • सरकार का शराब और खनन प्रेम साफ तौर पर झलक रहा

देहरादून। Liquor policy pushing youth towards addiction कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश में लागू शराब नीति का विरोध करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की शराब नीति उत्तराखण्ड के गांवों व नौजवानों को नशे की ओर धकेलने वाली और पूर्ण रूप से शराब माफिया को संरक्षण देने वाली है।

माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने जिस प्रकार शराब और खनन को अपनी आय का जरिया बनाया है उससे सरकार का शराब और खनन प्रेम साफ तौर पर झलक रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश को विकास की ओर नही विनाश की ओर बढ़ रही है। गांवो और नौजवानों को नशे की ओर धकेल रही है।

माहरा ने कहा कि जहां एक ओर त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार ने शराब माफिया के सामने घुटने टेकते हुए वैनों से गांव-गांव तक शराब पहुंचाने का काम किया व कदम-कदम पर शराब के ठेके खुलवाने के लिए राज्य की सड़कों के नाम बदल कर राजमार्गों को जिला मार्गों में बदलकर शराब माफिया को पूरी तरह संरक्षण दिया|

वहीं धामी सरकार ने शराब नीति को शराब माफिया के अनुसार परोसकर उससे एक कदम आगे बढ़ने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने पिछले छः वर्ष के कार्यकाल में एक भी नये उद्योग, नई परियोजना और जन हित की नई योजना नहीं बनाई है केवल खनन और शराब पर फोकस किया है जो राज्य हित में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की जनता से वायदा किया था कि प्रदेश में पूर्ण शराब बन्दी लागू की जायेगी, मगर इसके विपरीत मातृशक्ति का अपमान करते हुए प्रदेश में सत्तारूढ होते ही जिस शराब नीति को प्रदेश में लगातार लागू किया गया उससे प्रदेश में शराब माफिया और शराब की तस्करी को बल मिला।

राज्य सरकार ने रूड़की और देहरादून में हुए जहरीली शराब प्रकरणों से सीख नहीं ली जिसकी परिणति हरिद्वार में हुए जहरीली शराब काण्ड के रूप में हुई। राज्य सरकार की इसी लचर शराब नीति के कारण देहरादून, रूड़की तथा हरिद्वार में अवैध रूप से बेची जा रही जहरीली शराब काण्डों ने कई जिन्दगियां लीली हैं।

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