- मुकद्दस रमजान के दूसरे जुमे पर देश की खुशहाली के लिये मांगी गई दुआएं
- आखरी अशरे की क्रद व एतकाफ का करे अहतमामः काजी
- जकात से करें गरीबों-यतिमों की मददः मुफ्ति सलीम
देहरादून। कोरोना महामारी की पाबंदियां समाप्त होने के बाद पवित्र रमजान माह के दूसरेेे जुमे को रोजेदारों ने नमाज अदा कर खुदा के सामने देश में अमन-खुशहाली की दुआएं मांगी।
शुक्रवार को शहर भर की तमाम मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई। जामा मस्जिद पल्टन बाजार में शहर काजी मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी ने नमाज अदा कराई, नमाज से पहले उन्होने जकात, सदका-ए-फितर व रमजान के आखरी अशरे की फजीलत बयान की। शहर काजी ने कहा कि रमजान के आखरी अशरे में 10 दिनों का एतकाफ करने ओर शब-ए-कद्र में जाग कर अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि रमजान खुदा से नजदीकी हासिल करने का बढ़ा माध्यम है।
जामा मस्जिद मुस्लिम कालोनी में काजी दारूल कजा मुफ्ति सलीम अहमद ने नमाज अदा कराई। उन्होने अपने खुतबे में कहा कि जकात के जरीये अपने माल को पाक किया करों। उन्होने जकाज के फजाइल-मसाइल बयान किये। उन्होने कहा कि जकात से यतीमों और बेसहारा लोगों मदद की जाए। उन्होने कहा कि जकात गरीब ओर अमीर के बीच मौहब्बत पैदा करती है। सना मस्जिद के इमाम मुफ्ति वासिल अहमद कासमी ने शब-ए-कद्र के फजाइल बयान किये। इसके अलावा सइदिया मस्जिद में मुफ्ति अयाज, जामा मस्जिद धामावाला में मुफ्ति हुजेफा, जामा मस्जिद ईसी रोड़ पर कारी एहसान ने जुमा की नमाज अदा कराई। इसके अलावा अन्य मस्जिदों में भी रोजेदारों ने अकीदत के साथ जुमे की नमाज अदा करके देश-प्रदेश की तरक्की व खुशहाली के लिये दुआए मांगी।