तिरुपति लड्डू घी घोटाला : उत्तराखंड की ‘भोले बाबा’ डेयरी ने बिना दूध खरीदे सप्लाई किया 250 करोड़ का नकली घी

तिरुपति लड्डू घी घोटाला : उत्तराखंड की ‘भोले बाबा’ डेयरी ने बिना दूध खरीदे सप्लाई किया 250 करोड़ का नकली घी

नई दिल्ली। देश के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में भक्तों को मिलने वाले “पवित्र लड्डू प्रसाद” में इस्तेमाल घी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई के नेतृत्व में गठित विशेष जांच टीम (SIT) ने उत्तराखंड की ‘भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी’ को इस घोटाले का मुख्य केंद्र बताया है। जांच में सामने आया कि इस डेयरी ने 2019 से 2024 के बीच तिरुपति मंदिर ट्रस्ट को ₹250 करोड़ मूल्य का 68 लाख किलोग्राम घी सप्लाई किया, जबकि उसी अवधि में कंपनी ने कहीं से भी दूध या मक्खन की एक बूंद तक नहीं खरीदी।

तिरुपति लड्डू घी की गुणवत्ता को लेकर पिछले वर्ष कई शिकायतें सामने आई थीं। इसके बाद TTD प्रशासन ने घी की शुद्धता की जांच कराई, जिसमें संदिग्ध रासायनिक तत्व पाए गए। रिपोर्ट सामने आने के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया, जिसने विशेषज्ञ अधिकारियों के साथ एक संयुक्त स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की।

SIT की रिपोर्ट के अनुसार, भोले बाबा डेयरी ने न तो दूध खरीदा, न मक्खन — बावजूद इसके, उसने लाखों किलो ‘घी’ का उत्पादन और आपूर्ति दर्ज की। जांच में पाया गया कि कंपनी ने फर्जी बिल, जीएसटी इनवॉइस और झूठे उत्पादन रिकॉर्ड तैयार किए।
नकली घी तैयार करने के लिए मोनोडाइग्लिसराइड्स और एसीटिक एसिड एस्टर जैसे रसायनों का इस्तेमाल किया गया, जो वनस्पति तेल को घी जैसा रूप और गंध देने के लिए मिलाए गए थे। इन रसायनों की सप्लाई दिल्ली के व्यापारी अजय कुमार सुगंध द्वारा की गई, जिसे हाल ही में CBI ने गिरफ्तार किया है।
भोले बाबा को वर्ष 2022 में गुणवत्ता मानकों के उल्लंघन के चलते ब्लैकलिस्ट भी किया गया था, लेकिन कंपनी ने दूसरे नामों से (प्रॉक्सी फर्मों के जरिए) तिरुपति ट्रस्ट को सप्लाई जारी रखी।

CBI-SIT ने अब तक कुल पाँच प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है:
पोमिल जैन और विपिन (बिपिन) जैन — भोले बाबा डेयरी के निदेशक एवं प्रोमोटर।
अपूर्वा विनायकांत चावड़ा — वैष्णवी डेयरी के सीईओ, जिनकी फर्म भोले बाबा से जुड़ी थी।
राजू राजशेखरन — ए.आर. डेयरी के प्रबंध निदेशक, प्रॉक्सी सप्लाई चैन में शामिल।
अजय कुमार सुगंध — दिल्ली स्थित रासायनिक व्यापारी, जिसने नकली घी के निर्माण हेतु रसायन आपूर्ति किए।
सभी आरोपितों से पूछताछ जारी है, और SIT ने उनके बैंक खातों, जीएसटी रेकॉर्ड्स, ट्रांसपोर्ट बिल्स व फैक्ट्री इन्स्पेक्शन रिपोर्ट को जब्त किया है।

TTD प्रशासन ने कहा है कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग दिया है। ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि घी की आपूर्ति में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नया ऑडिट सिस्टम शुरू किया गया है। मंदिर प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

CBI की SIT अब इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। फॉरेंसिक जांच से यह पुष्टि हुई है कि सप्लाई किए गए घी में पशु आधारित वसा की जगह वनस्पति तेल और रासायनिक मिश्रण था। अदालत में सबूत पेश किए जाने के बाद घोटाले के आर्थिक आयाम और संभावित कर चोरी का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

यह घोटाला इसलिए और गंभीर माना जा रहा है क्योंकि तिरुपति लड्डू को “देव प्रसाद” का दर्जा प्राप्त है और इसे देश-विदेश में करोड़ों श्रद्धालुओं तक पहुँचाया जाता है। इस मामले ने धार्मिक संस्थानों की खाद्य सुरक्षा व्यवस्था और सरकारी खरीद प्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।