- आयोग की गोष्ठी में जमकर हुआ हंगामा हुआ
- बोले अध्यक्ष, शिकायत नही एक लाईन में सुझाव दे
- चर्चो व पादरियों पर हो रहे हमलेः सुंदर सिंह
देहरादून। अपनी शिकायतों पर कार्रवाई ना होने और समस्याओं को उठाने पहुंचे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जब अपनी बात भी कहने नहीं दी गई तो गोष्ठी में जमकर हंगामा हो गया, गनीमत रही के हंगामे के समय कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत गोष्टी में मौजूद नहीं थे। उनके जाने के बाद ईसाई समुदाय और बौद्ध समुदाय सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने जब विस्तार से अपनी बात रखना चाही तो आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि केवल एक लाइन में अपना सुझाव दीजिए, आज शिकायतें सुनने का दिन नहीं है। आज सिर्फ और सिर्फ सुझाव आमंत्रित के जाते हैं। गुरुवार को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के आर्थिक व शैक्षिक विकास को लेकर उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की ओर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी अल्पसंख्यकों को बुलाया गया था। गोष्ठी में अल्पसंख्यक स्कूलों को मान्यता ना मिलने, चर्चो पर हो रहे हमले, पादरियों की गिरफ्तारी, मुद्रा लोन ना मिलने और एसपीक्यूईएम अध्यापकों को मानदेय न दिए जाने सहित कई बड़े मुद्दे उठे।
इन मुद्दों पर अपनी बात रखने के लिए सामने आए लोगों को आयोग ने बीच में ही रोक दिया, जिसस खफा होकर सभागार में मौजूद सभी लोगों ने जमकर हंगामा किया और कहा कि जब हमारी बात नहीं सुननी थी तो हमें बुलाया क्यों। आयोग में शिकायत की जाती है, मगर आयोग ना तो शिकायतों पर संज्ञान लेता है और ना ही आयोग की संस्तुति पर शासन-प्रशासन आयोग को गंभीरता से लेता है।
अल्पसंख्यक समुदायों को नही मिल रहा मुद्रा लोनः सीमा जावेद
देहरादून। अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सीमा जावेद ने अल्पसंख्यक समुदायों को मुद्रा लोन नही जाने की शिकायत कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सामने ही रखी। जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आयोग के काम कैसे हो रहे होंगे, जब आयोग की एक सदस्य को खुद मंत्री से शिकायत करने पर मजबूर होना पड़ा, कि उनके समाज को बैंक वाले मुद्रा लोन नहीं दे रहे हैं।
बौद्ध समाज को चार साल से जमीन का इंतजार
देहरादून। बौद्ध समाज की ओर से एक मुद्दा उठाया गया जिसमें कहा गया कि 2018 में हरिद्वार में जिला प्रशासन ने बौद्ध मठ को तोड़ दिया था, इसकी शिकायत शासन-प्रशासन सहित आयोग व कोर्ट में भी की गई जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया, मगर अभी तक बौद्ध मठ के लिए कोई जमीन सरकार की ओर से आवंटित नहीं की गई है। 22 अगस्त 2022 को जिलाधिकारी हरिद्वार ने भी इस संबंध में उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग को पत्र भेजा था, जिस पर अभी तक कोई भी कार्रवाई नही हुई है।
असामाजिक तत्व कर रहे परेशान
देहरादून। ईसाई समुदाय ने चर्चो पर हो रहे हमले और पादरियों को बिना वजह परेशान करने का मामला उठाया। कहा कि रुड़की और देहरादून के झाझरा में चर्च में घुसकर असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की, वहा मौजूद लोगों के साथ मारपीट तक की गई, जान से मारने की धमकी तक दी गई, मगर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही असामाजिक तत्वों के खिलाफ नहीं की गई जिसके चलते ईसाई समुदाय में खौफ का माहौल पैदा हो रहा है, साथ ही यह भी कहा गया कि कई स्कूलों की मान्यता की पत्रावलियां सालों से लंबित चली आ रही है जिस पर शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
63 माह से नही मिला मानदेय
देहरादून। मदरसा आधुनिकीकरण के तहत आधुनिक विषय पढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की एसपीक्यूईएम स्कीम के तहत अध्यापन का कार्य कर रहे शिक्षकों ने 63 माह से वेतन ना मिलने का मुद्दा भी उठा। कहा कि अगर केंद्र सरकार मानदेय देने में अक्षम है तो उक्त योजना को बंद कर दिया जाए। उत्तराखंड प्रदेश मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति के अध्यक्ष विजय पाल सिंह ने एक ज्ञापन भी मंत्री धन सिंह रावत को सौंपा, जिसमें कहा कि पिछले 5 वर्षों से शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला है जिसके चलते सभी
शिक्षकों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है, शिक्षक आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं।