- पत्रकारों की प्रताड़ना के खिलाफ़ कड़े क़ानून बनाने की मांग
- उत्तराखण्ड के मुद्दों पर भी हुई चर्चा
- देशभर से आये पत्रकारों के हितार्थ कई मुद्दों पर गहन मन्थन
देहरादून। इंडियन जर्नलिस्टस यूनियन(आईजेयू) के नेशनल काउंसिल का अधिवेशन गत दिवस जयपुर के परशुराम भवन विद्याधर नगर के सभागार में आयोजित हुआ। इस अधिवेशन में देश के अट्ठाइस राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। देशभर से आये पत्रकारों ने अधिवेशन में पत्रकारों की प्रताड़ना के खिलाफ़ सभी राज्यों तथा केंद्र सरकार से कड़े क़ानून बनाने, पत्रकारों के लिए पेंशन योजना में कम से कम बीस हजार सम्मान निधि देने की मांग की।
इसके अतिरिक्त पत्रकारो को रेलवे की और से पूर्व में दिये जाने वाले कंशेसन को पुनः बहाल किये जाने, मजीठिया वेतनमान को लागू किये जाने, पत्रकारों पर हो रहे हमलों, लोकतन्त्र की रक्षा, लद्दाख में पत्रकारो पर फर्जी मुकदमों व पत्रकारों के हितार्थ कई मुद्दों पर गहन मंथन किया गया। अधिवेशन में घोषणा की गयी कि आईजेयू का प्लेनरी सेशन आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में किया जायेगा।
उद्घाटन सत्र में राजस्थान सरकार के उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा विशिष्ट अतिथि, नगर विकास मंत्री झवर सिंह खर्रा तथा राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरुण चतुर्वेदी उपस्थित रहे। उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ के रूप मे पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होने कहा प्रिन्ट मीडिया की विश्वसनीयता आज भी बरकरार है। शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा किसी भी देश के विकास की प्रक्रिया में मीडिया का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरुण चतुर्वेदी ने कहा सोशल मीडिया के इस जमाने में सच्ची व विश्वसनीय खबर लोगों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है।
इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष के श्रीनिवास रेड्डी ने मजीठिया वेज वोर्ड को पूरे देश में लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा, प्रेस की स्वतंत्रता और कार्य स्थल पर सुविधाओं की न्यूनता जैसे मुद्दों पर गहन चिंता जताई और सरकारों से इन विषयों पर ठोस कदम उठान की मांग की।
आईजेयू के महासचिव बलविंदर सिंह जम्मू ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार प्रोटक्शन बिल लाये जाने की मांग की। पूर्व आईजेयू अध्यक्ष व स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य एसएन सिन्हा ने संगठन को सशक्त बनाने पर बल दिया। इस अवसर पर राजस्थान पत्रकार परिषद के अध्यक्ष रोहित कुमार सोनी, कार्यकारी अध्यक्ष गिरिराज अग्रवाल, महामंत्री रमेश यादव, पिंक सिटी प्रेस क्लब अध्यक्ष एलएल शर्मा ने अतिथियों का साफा व अंग वस्त्र से स्वागत किया।
आईजेयू के निर्वाचन अधिकारी महेश बाबू सिन्हा ने गत दिनों हुए आईजेयू के चुनाव में निर्वाचित नए अध्यक्ष व महामंत्री के नाम की घोषणा की। उन्होने बताया कि पंजाब से बलविंदर सिंह जम्मू आइजेयू के नए अध्यक्ष व आंध्र प्रदेश से डी सोमसुंदर महासचिव निर्वाचित किये गये हैं। सभी पत्रकारो ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष व महामंत्री का स्वागत किया।
दूसरे सत्र में आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओड़िशा, पंजाब, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के राज्य सचिवों ने अपनी गतिविधियों तथा उपलब्धियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उत्तराखन्ड से जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखन्ड के प्रदेश महामंत्री गिरीश पंत ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यूनियन का उद्देश्य पत्रकारिता के उच्च आदर्शाे व परंपराओं को बनाए रखना व पत्रकार हितों के लिए कार्य करना है। उन्होंने कहा पत्रकारों की कई समस्याओं का समाधान यूनियन के प्रयास से किया गया, मगर पत्रकारों की कई समस्याएं अभी लंबित है जिन्हें यूनियन निरंतर सरकार से पत्राचार कर सुलझाने का प्रयास कर रही है।
उन्होने कहा उत्तराखन्ड सरकार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को उत्तराखन्ड की सभी बसों मे आवागमन की फ्री सुविधा प्रदान की है। पत्रकारों के लिए दिल्ली, लखनऊ, बम्बई के राज्य अतिथिगृहों में न्यून्तम शुल्क में रहने की सुविधा का भी प्रवधान किया है।
उन्होंने कहा सरकार ने पत्रकार कल्याण कोष से दिवंगत पत्रकारों के परिजनों व गम्भीर रूप से बीमार सौ से अधिक पत्रकारों को अब तक तीन करोड़ से अधिक की धनराशि आथिॅक मदद के रुप में जारी की है। इसके अलावा पत्रकार पेंशन योजना के तहत पत्रकारों को आठ हजार रुपया मासिक पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा यूनियन ने पत्रकारों की पेंशन आठ हजार से बढाकर बीस हजार किये जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सरकार द्वारा मेडिकल सुविधा प्रदान की जाती है। यूनियन ने सरकार से मांग है कि सभी गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी मेडिकल सुविधा का लाभ प्रदान किया जाए। यही नहीं राज्य कर्मचारियों की भांति उन्हें भी गोल्डन कार्ड की सुविधा दी जाए ताकि वे अपना व अपने परिजनों का इलाज सुगमता से कर सके। उन्होंने उत्तराखन्ड राज्य गठन के चौबिस वर्ष बाद भी पत्रकारों के लिये प्रेस मान्यता कमेटी का गठन न होने को असंवैधानिक बताते हुए आईजेयू से इसके गठन को लेकर हस्तक्षेप की मांग की।