जमरानी बांध परियोजना की मंजूरी पर महाराज ने प्रधानमंत्री का आभार जताया

जमरानी बांध परियोजना की मंजूरी पर महाराज ने प्रधानमंत्री का आभार जताया
मंत्री सतपाल महाराज।

देहरादून। Satpal Maharaj thanked the Prime Minister वर्ष 1975 से लम्बित जमरानी बांध परियोजना को पी०एम० के०एस०वाई० ए०आई०बी०पी० योजना के अन्तर्गत प्रधानमंत्री, भारत सरकार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनोमिक अफेयरस की बैठक में स्वीकृति प्रदान करने पर प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज प्रसन्नता व्यक्त की है।

वर्ष 1975 से लम्बित जमरानी बांध परियोजना को पी०एम० के०एस०वाई०ए०आई०बी०पी० योजना के अन्तर्गत प्रधानमंत्री, भारत सरकार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनोमिक अफेयरस की बुद्धवार को हुई बैठक में स्वीकृति प्रदान करने पर प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।

प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के जनपद नैनीताल में काठगोदाम से 10 कि0मी0 अपस्ट्रीम में गौला नदी पर जमरानी बाँध (150.60 मी० ऊंचाई) का निर्माण प्रस्तावित है।

परियोजना से लगभग 1,50,000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होगा, साथ ही परियोजना से हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने तथा 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का भी प्राविधान है।

सिंचाई मंत्री श्री महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहद एवं मध्यम) के अन्तर्गत जमरानी बांध परियोजना के वित्त पोषण हेतु निवेश स्वीकृति एवं जल शक्ति मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी।

पीआईबी की बैठक में सहमति व्यक्त की गई

उक्त स्वीकृतियों के उपरान्त च्नइसपब प्दअमेजउमदज ठवंतक वित्तीय मंत्रालय भारत सरकार को वित्तीय स्वीकृति हेतु जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव प्रेषित किया गया। प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय द्वारा  07 मार्च 2023 को आयोजित पी०आई०बी० की बैठक में सहमति व्यक्त की गई।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा रू0 1730.20 करोड़ की स्वीकृति पी०एम० के०एस०वाई० में 90 प्रतिशत (केन्द्रांश) 10 प्रतिशत (राज्यांश) के अन्तर्गत प्रदान की गई है। शेष धनराशि का वहन संयुक्त रूप से उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एम०ओ०यू० के अनुसार किया जायेगा।

जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने हेतु वन भूमि (स्टेज-2) अंतिम स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा माह जनवरी, 2023 में प्रदान कर दी गयी है, जिससे प्रस्तावित बांध निर्माण की राह और आसान होगी तथा परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्राग फार्म की प्रस्तावित 300.5 एकड भूमि का प्रस्ताव 18 मई 2023 को उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट में पारित किया जा चुका है।

उपरोक्त प्रस्तावित भूमि को शीघ्र ही सिंचाई विभाग को हस्तांतरित किये जाने हेतु कार्यवाही गतिमान है। श्री महाराज ने कहा कि उपरोक्त प्राप्त स्वीकृतियों के उपरान्त इस वित्तीय वर्ष में बाँध निर्माण एवं पुनर्वास कार्य धरातल पर प्रारंभ होना संभव हो पाया है।

वर्ष 1975 की इस परियोजना को स्वीकृति प्रदान किए जाने पर प्रदेशवासियों विशेष रुप से हल्द्वानी वासियों को उनकी पेयजल समस्या के स्थायी समाधान हेतु जमरानी परियोजना को स्वीकृति प्रदान किए जाने पर मैं एक बार पुनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

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