ऊर्जा सचिव ने कसी नकेल, अब शासन के बिना अनुमति के नहीं कर सकते ट्रांसफर
देहरादून। PTCUL MD arbitrariness continues पिछले कई महीनों से उत्तराखंड पावर ट्रांसमिसन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पिटकुल) अपनी कायशैली को लेकर विवादों में है, चाहे वो एमडी की नियुक्ति को लेकर हो या इनके द्वारा लगाए गये उपकरण की अनियमितताओं की बात हो या फिर विद्युत उपकरणों के रख रखाओ में लापरवाही की बात हो।
अभी हाल ही में पिछले एक हफ्ते में यूपीसीएल के तीन सबस्टेशन में सटडाउन देखने को मिला।
अब फिर एक मामला सामने आ रहा है, पिटकुल के कर्मचारियों के तबादलों/पदोन्नित का, जिसे बिना शासन के अनुमति लिए ही पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों के स्थानांतरण/ पदोन्नति कर दिया है। ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने इसका संज्ञान लेते हुए निर्देश जारी किया है कि इन स्थानान्तरण की कार्यवाही में शासन की अनुमति प्राप्त की जायेगी।
प्रबंध निदेशक को दिए गए आदेश में ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा है कि स्थानान्तरण सत्र समाप्त होने के बावजूद पिटकुल में स्थानान्तरण किए जा रहे हैं। जो कि शासकीय नियमों और कार्मिक विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन है।
वर्तमान में मानसून सत्र प्रारंभ होने के दृष्टिगत ऐसी परिस्थितियों में स्थानांतरण की कार्रवाई शासकीय हित में उचित नहीं है। उच्च स्तर पर ऊर्जा सचिव को यह निर्देश दिए गए हैं कि पिटकुल (पॉवर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड ) के अंतर्गत कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण की कार्रवाई पर शासन की अनुमति प्राप्त की जाएगी। इस आदेश का अनुपालन तत्काल प्रभाव से सुनश्चिति करने के निर्देश पिटकुल के प्रबंध निदेशक को दिया है।
गौरतलब है कि अगर हम स्थानांतरण नियमावली की बात करें तो ट्रांसफर की अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत है। जबकि इस अधिकतम सीमा के लगभग दोगुना अधिकारियों/कर्मचारियों को स्थानांतरण किया गया है।