विधानसभा के नवनिर्मित पुस्तकालय एवं नवीन वेबसाइट का लोकार्पण

विधानसभा के नवनिर्मित पुस्तकालय एवं नवीन वेबसाइट का लोकार्पण
विधानसभा की वेबसाइट का लोकार्पण करते राज्यपाल।

Inauguration of newly constructed library of Vidhansabha

20 हजार से ऊपर पुस्तकों का समावेश किया गया है पुस्तकालय में

देहरादून। Inauguration of newly constructed library of Vidhansabha राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को विधानसभा में उत्तराखण्ड विधानसभा के नवनिर्मित पुस्तकालय एवं नवीन वेबसाइट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे।

नवनिर्मित पुस्तकालय में लगभग 20 हजार से ऊपर पुस्तकों का समावेश किया गया है। इस विशिष्ट पुस्तकालय में संविधान एवं कानून, लोक प्रशासन और सामान्य ज्ञान सहित विभिन्न विषयों से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी।

इसके साथ-साथ देश-विदेश के प्रमुख लेखकों की पुस्तकों का भी समावेश किया गया है जो ई-लाइब्रेरी के रूप में डिजिटल और प्रिंट दोनों रूपों में उपलब्ध रहेगी। राज्यपाल ने अपनी ओर से विधानसभा पुस्तकालय हेतु 108 पुस्तकें देने की घोषणा की।

पुस्तकालय एवं वेबसाइट के लोकार्पण के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में माँ सरस्वती के मंदिर की स्थापना किया जाना अपने आप में अलग है। उन्होंने कहा कि पुस्तकों में माँ सरस्वती का वास होता है। पुस्तकालय एक प्रकार से ज्ञान के मंदिर ही हैं और यह ज्ञान का मंदिर हमारी सोच, विचार और धारणा को निरंतर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है।

हमें हर एक जिज्ञासा और हर एक प्रश्न का उत्तर पुस्तकों से प्राप्त होता है। राज्यपाल ने पुस्तकालय की स्थापना के लिए विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा के विधायकगणों को जहां एक ओर संसदीय कार्यों में सहायता मिलेगी। वहीं दूसरी ओर पुस्तकालय में उपलब्ध विशिष्ट पुस्तकों के अध्ययन से उन्हें सामाजिक कार्यों में भी लाभ होगा।

राज्यपाल ने कहा कि इसके साथ-साथ टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए नवीन वेबसाइट को अपडेट और आधुनिक बनाया है। तकनीकी का विकास बहुत बड़े स्तर पर प्रारंभ हो गया है, हमें आधुनिक तकनीक को मानवता की सेवा, देश की प्रगति और लोगों की भलाई के लिए हर क्षेत्र में लागू करना होगा।

वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजीटाइजेशन, सोशल मीडिया और मास मीडिया के साथ जुड़ना बहुत जरूरी है। आधुनिक भारत, विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के सपनों को पूरा करने के लिए नवीन तकनीकों का अपनाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा में नवनिर्मित पुस्तकालय के लोकार्पण एवं नवीन वेबसाइट लांच होने से यहां पर संसदीय परंपराओं के ज्ञान एवं अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक जानकारियों के लिए विधानसभा में लोगों को एक ऐसा स्थान मिल गया है, जहां पर ज्ञान वर्द्धन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस पुस्तकालय के माध्यम से सभी निर्वाचित सदस्य अपनी संसदीय समस्याओं के समाधान के साथ ही संसदीय परंपराओं एवं सदन के भीतर होने वाली कार्यवाहियों की बारीक से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

विधानसभा में पुस्तकालय की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का आभार व्यक्त किया। संसदीय परंपराओं एवं ज्ञान पर आधारित पुस्तकों का समावेश इस पुस्तकालय में किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से नियमित तरीके से अध्ययन करने की आदत सभी की होनी चाहिए। पुस्तकें हमारे दिमाग के लिए खुराक का कार्य भी करती हैं। उलझनों को सुलझाने में भी पुस्तकें अहम भूमिका निभाती हैं।

उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों से कार्यसूची के अनुसार सदन की कार्यवाही की जानकारियां एवं पुराने अभिलेखों से अनेक लोगों का मार्गदर्शन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार और साक्षरता की उच्च दर से समाज में सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर परिवर्तन आया है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि पुस्तकालय की स्थापना की प्रेरणा उन्हें अपनी माँ से मिली। चरित्र के निर्माण में पुस्तकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि विधानसभा स्थित पुस्तकालय में अभी 20 हजार से अधिक पुस्तकों का संग्रहण किया गया, इसे और बढ़ाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय के माध्यम से लोगों को संसदीय परंपराओं की जानकारी एवं संविधान की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने में बहुत मदद मिलेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारा प्रयास है कि यहां पर पुस्तकों का संकलन इतना बढ़ाया जाय कि, शोधकर्ताओं को भी यहां पर बुला सकें।

उन्होंने कहा कि विधानसभा स्थित पुस्तकालय के लिए जो लोग भी पुस्तकें दान करना चाहते हैं, कर सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा में एक अच्छे पुस्तकालय की जरूरत काफी समय से महसूस हो रही थी। उन्होंने बेहतर पुस्तकालय की व्यवस्था के लिए विधानसभा अध्यक्ष के प्रयासों की सराहना की।

पुस्तकें मानवीय मूल्यों की धरोहर है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं राज्य आन्दोलनकारियों के देश एवं प्रदेश के योगदान की जानकारी भी लोगों को मिले। इन महानुभावों के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तकों का समावेश भी पुस्तकालय में होना चाहिए।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, सभापति पुस्तकालय समिति शहजाद सहित अनेक विधायकगण, उच्चाधिकारी एवं विधानसभा के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

https://insaafkidastak.com/wp-content/uploads/2024/09/Prayag-IAS.jpg
https://insaafkidastak.com/wp-content/uploads/2024/09/Prayag-IAS.jpg