जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए होगी फेंसिंग

जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए होगी फेंसिंग

किसानों को स्ट्रीट लाईट व ग्रॉस कटर कराए जाएंगे उपलब्ध
वन दारोगा व फारेस्ट गार्ड का भी जैव विविधता रजिस्टर तैयार करने के निर्देश
उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड की समीक्षा बैठक आयोजित

देहरादून। Fencing will be done to protect crops from wild animals वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आये दिन जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं जिसके बचाव को फेंसिंग की सुविधा, किसानों को स्ट्रीट लाईट व ग्रॉस कटर उपलब्ध कराया जाए और सीड्स व हर्बल नर्सरी को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वन पंचायतों के माध्यम से जनमानस को आजीविका से जोड़ने का कार्य किया जाए।

मंगलवार को विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में वन मन्त्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड के कार्य-कलापों के परिपेक्ष्य में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मंत्री ने कहा कि जैव विविधता के क्षेत्र में हमें व्यवहारिकता की आवश्यकता है जिसमें संकटापन्न प्रजातियों को बचाने के साथ-साथ हर्बल फॉर्मिंग को बढ़ावा देकर किसानों की आजीविका बढ़ाने के साथ-साथ जड़ी-बूटियों को संरक्षित तथा संवर्धित करने का कार्य किया जाए।

मंत्री ने कहा कि राज्य में जैव विविधता संरक्षण को लेकर लगभग 7991 समितियां बनीं हैं जिसमें लगभग 1620 समितियों का ही जैव विविधता रजिस्टर तैयार किया गया है उन्होंने वन दारोगा तथा फारेस्ट गार्ड को साथ लेकर अन्य समितियों का भी जैव विविधता रजिस्टर तैयार करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये।

मंत्री ने जैव विविधता बोर्ड के एक्शन प्लान को तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाना पर्यावरण की दृष्टि से तथा जैव विविधता को संरक्षित करने और इनके माध्यम से आय बढ़ाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए जैव विविधता बोर्ड का गठन किया गया है उसके एक्शन प्लान को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाए।

मंत्री ने जैव विविधता के लिए अति आवश्यक प्रजातियों के संरक्षण के लिए हर्बल मिशन तथा टैस्टिंग लैब स्थापना से संबंधित कार्यों हेतु अधिकारियों को डेढ़ माह के भीतर कार्य करने के लिए निर्देशित किया। मंत्री ने हैरिटेज साईट को दुनिया के नक्शे में लाकर पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु भी अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर अध्यक्ष, उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड, डॉ. धनन्जय मोहन, सदस्य सचिव आर.के. मिश्र व सलाहाकार मंत्री(वन से संबंधित) एसके सिंह मौजूद रहे।

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