मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सोमवार को वापस लौटे धोनी

मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सोमवार को वापस लौटे धोनी

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी नैनीताल से वापस लौटते हुए।

नैनीताल। Dhoni returned after offering prayers in temples भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बीते मंगलवार को नैनीताल पहुंचे थे। वहीं सोमवार को वापस लौट गए। बुधवार सुबह वे अपने पैतृक गांव जैंती ल्वाली अल्मोड़ा पहुंचे थे जहां पर उन्होंने गांव के सभी मंदिरों में पूजा अर्चना की थी। जिसके बाद अपने गांव में रह रहें अपने परिवार वालों से मुलाकात की थी।

वहीं शुक्रवार को एमएस धोनी अपनी पत्नी साक्षी का जन्मदिन मनाने के लिए अपनी बेटी व मित्रों के साथ नैनीताल के एक कॉटेज में रुके थे जहं पर उन्होंने 19 नवंबर को  अपनी पत्नी साक्षी का जन्मदिन मनाया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धोनी ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली से वार्ता की थी और भारत की जीत के लिए शुभकामनायें दी थी दिनभर धोनी गेस्ट हाउस में ही मैच देख रहें थे उनकी पत्नी और परिवार के लोग नैनीताल की सुंदरता का लुप्त उठा रहें थे।

वहीं एमएस धोनी नैनीताल से पंतनगर के लिए रवाना हुए और विश्व कप में भारत की हार का दुरूख भी उनके चेहरे पर  नजर आया हालांकि इस पर उन्होंने कुछ बोले नही। वहां मौजूद मिडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की परन्तु वह बीना जवाब दिए चले गए।

कॉटेज के बाहर काफी संख्या में लोग उनके साथ फोटो खींचने के लिए खड़े थे परंतु धोनी अपने प्रशसको को हाथ हिलाकर गाड़ी में बैठ गए व काफिले के साथ पंतनगर के लिए रवाना हो गए। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी अपने पांच दिन के नैनीताल प्रवास के बाद सोमवार सुबह वापस पंतनगर एयरपोर्ट की ओर रवाना हुए|

वहीं अपने प्रवास के दौरान उन्होंने अपने पैतृक गांव अल्मोड़ा में ईष्ट -देवों की पूजा अर्चना की जिसके बाद बाकी पांच दिन उन्होंने नैनीताल में बिताए। इस दौरान उनकी पत्नी साक्षी व बेटी जीवा सहित उनके मित्रों ने नैनीताल की सुंदरता का लुत्फ उठाया तो वहीं धोनी  अधिकांश समय अपने गेस्ट हाउस में ही रहे।

इस दौरान धोनी ने अपनी प्रशंसकों के साथ फोटो भी खिंचवाई वहीं प्रशंसकों को ऑटोग्राफ भी दिया। वहीं मीडिया से बात करते हुए उन्होंने  नैनीताल व अल्मोड़ा की काफी प्रशंसा की और कहा कि  व्यस्तता के चलते काफी समय बाद उनको अपने पैतृक गांव अल्मोड़ा आने का मौका मिला।

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