देहरादून। 18 फरवरी से उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। एक तरफ जहां प्रदेश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस विधानसभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का काम करेगी तों वही कांग्रेस प्रदेश संगठन ने 20 फरवरी को समान नागरिक संहिता के खिलाफ विधानसभा घेराव की घोषणा की है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद सरकार ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। इसी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने विधानसभा सत्र के दौरान 20 तारीख को कूच किए जाने का निर्णय लिया है। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि वैसे तो प्रदेश के भीतर बेरोजगारी, महंगाई, महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस सड़कों पर उतरकर समान नागरिक संहिता का विरोध करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में यूसीसी लागू किया गया और इसमें लिव इन रिलेशन को लीगलाइज किए जाने की बात की गई है। इसका विरोध किया जाना जरूरी है। ज्योति रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, और इस देवभूमि में सर्व धर्म के लोग रहा करते हैं। लेकिन उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने जिस तरह से समान नागरिक संहिता कानून में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया है। यह देवभूमि की संस्कृति के खिलाफ है।
ज्योति रौतेला का कहना है कि प्रदेश में यूसीसी लागू करके राज्य सरकार ने आने वाली पीढ़ी के लिए गलत नींव रख दी है। उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता देकर राज्य सरकार बड़ी भूल कर रही है। उन्होंने चेताया कि 20 तारीख को विधानसभा घेराव करने के बाद कांग्रेस पार्टी हर जिल और विधानसभाओं में इस मुद्दे को उठाने जा रही है। बताया जा रहा है कि यूसीसी का विरोध करने के लिए महिला कांग्रेस ने विधानसभा घेराव किए जाने का फैसला लिया था, लेकिन ज्योति रौतेला के आग्रह पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और पार्टी के अन्य नेता व कार्यकर्ता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होगे।
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