देहरादून। Congress kept silent fast against women harassment महिला उत्पीड़न के खिलाफ कांग्रेस ने गांधी पार्क में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष मौन उपवास रखा। धरने के उपरान्त कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि राज्य में महिला अपराध और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में बढ़ रही अपराध की घटनाओं से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा चुकी है तथा अपराधियों के मन से कानून का भय समाप्त हो गया है।
उत्तराखण्ड राज्य में पिछले एक वर्ष में घटित हुई अपराध की घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में महिला अपराध तथा अन्य अपराधों का स्तर कहां पहुंच गया है। समाज के अराजक तत्व और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों में उत्तराखंड पुलिस प्रशासन का डर और भय समाप्त होता हुआ साफ दिखाई पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माo @KaranMahara_INC जी के नेतृत्व में अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों को बचाने एवं VIP के नाम पर धामी सरकार की चुप्पी को लेकर एक दिवसीय मौन व्रत।#justiceforankitabhandari pic.twitter.com/EhZwNuHzSh
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) August 5, 2023
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड में मातृशक्ति सुरक्षित नही हैं, एक आरटीआई के अनुसार 2022 में उत्तराखण्ड में 872 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, प्रत्येक दिन उत्तराखण्ड राज्य के अन्दर 3 बलात्कार उत्तराखण्ड राज्य में दर्ज हो रहे हैं।
माहरा ने बताया कि उधम सिंह नगर में बलात्कार की 247 हरिद्वार में 229 और देहरादून 184 घटनाएं हुई हैं, सबसे कम अगर बलात्कार या छेडछाड की घटनाएं कहीं घटित हुई हैं तो वह उत्तराखण्ड का पर्वतीय क्षेत्र रूद्रप्रयाग जिला है यहॉ सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया है, वहीं नैनीताल में 103 मामले दर्ज हुए हैं, अल्मोडा में 16 मामले दर्ज किए गए हैं।
माहरा ने बताया कि पिथौरागढ में 17 मामले दर्ज किए गए हैं, चम्पावत में 7 मामले दर्ज हैं, बागेश्वर में 10 मामले दर्ज हुए हैं, टिहरी गढवाल में 15, उत्तरकाशी में 13, चमोली में 9, पौडी गढवाल में 20 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं जो कि राज्य के लिए बहुत ही अशुभ संकेत हैं और जब तक अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड के दोषियों को सजा नही मिल जाती और वीआई का चेहरा बेनकाब नही हो जाता तब तक कांग्रेस न्याय की लड़ाई लड़ती रहेगी।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार के ढीले और लापरवाह रवैए की वजह से राष्ट्रीय मुद्दा बन गया। भाजपा नेता के रिसोर्ट पर आनन-फानन में बुलडोजर चलवाकर सारे साक्ष्य मिटा दिए गए।
अंकिता केस के वीआईपी का नाम आज तक उजागर नहीं हो पाया है। इस हत्याकांड में एक नहीं सैकड़ों सवाल हैं जिनके जवाब अनुत्तरित हैं। पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि ममता बहुगुणा जोशी पौड़ी के श्रीनगर से लापता है जिसकी हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं कि ममता कहां है और आखिर इस केस की फाइल को दबा क्यों दिया गया।
पूर्व मंत्री विधायक राजेन्द्र भण्डारी ने कहा कि पौडी के घुडदौड़ी इन्जीनियरिंग कॉलेज की छात्रा द्वारा विभागाध्यक्ष एवं प्रो0 पर उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए आत्महत्या की, परन्तु कार्रवाई के नाम पर केवल उत्पीड़न करने वाले शिक्षकों के स्थानान्तरण कर दिये गये।
विधायक बिक्रम सिंह नेगी ने कहा कि केदार भंडारी 19 साल का युवा जो आंखों में सपने लेकर आया था अग्निवीर योजना के तहत भर्ती होने के लिए अचानक चोरी के इल्जाम में पुलिस पकड़ कर ले जाती है और केदार गायब हो जाता है तथा बाद मे उसके डूबने की मनगढ़ंत कहानी रची गई परन्तु लाश का आज तक कोई अता पता नहीं चला।
विधायक रवि बहादुर ने कहा कि सल्ट के दलित युवक जगदीश की निर्मम हत्या देवभूमि को शर्मसार करने वाली घटना थी। घटना से पूर्व जगदीश द्वारा पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा से पुलिस सुरक्षा की मांग भी की गई थी परन्तु सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई।
विधायक बिरेन्द्र जाति ने कहा कि हाल ही में हुई चमोली में पिंकी हत्याकांड, हरिद्वार में भाजपा नेता द्वारा महिला से बलात्कार की घटना, हर्रावाला देहरादून में दलित युवती मनाली हत्याकांड, हाथीबडकला देहरादून में महिला के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या, टिहरी में दलित युवक जितेन्द्र दास एवं लखनलाल हत्याकांड, रूडकी के ढंडेरी गांववासी दलित युवक की हत्या ये सभी घटनायें राज्य में समाप्त हो चुकी कानून व्यवस्था के जीते जागते उदाहरण हैं।