जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 6234.48 लाख रूपये स्वीकृत

जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 6234.48 लाख रूपये स्वीकृत
जिला योजना समिति की बैठक लेते मंत्री सतपाल महाराज।

पिछले वर्ष की तुलना में 26.15 प्रतिशत की हुई वृद्धि
आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने आएगी केंद्रीय टीम : महाराज

हरिद्वार। Central team will come to assess disaster affected areas प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, जलागम प्रबन्धन एवं भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजना मंत्री एवं जनपद  के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को मेला नियंत्रण भवन (सी0सी0आर0) में जिला योजना समिति की बैठक आयोजित हुई।

प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वार्षिक जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में जनपद हरिद्वार का परिव्यय 6234.48 लाख रूपये अनुमोदित किया गया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में जनपद का अनुमोदित परिव्यय 4942.00 लाख रूपये था।

इस प्रकार विगत वर्ष के सापेक्ष जनपद हरिद्वार के परिव्यय में 26.15 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। कैबिनेट मंत्री ने वार्षिक जिला योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के सम्बन्ध में विस्तार से बताते हुये कहा कि सामान्य मद में 4903.48 लाख रूपये, अनुसूचित जाति मद में 1300.00 लाख रूपये एवं अनुसूचित जनजाति मद में 31.00 लाख निर्धारित किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत धनराशि पुराने चालू कार्यों, वचनबद्ध मदोंध्चालू मदों में खर्च होगी तथा कुल परिव्यय का लगभग 15 प्रतिशत कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित रेखीय विभागों तथा शेष लगभग 50 प्रतिशत धनराशि नवीन कार्यों, जीर्णोंद्धार / सुदृढ़ीकरण एवं अनुरक्षण के कार्यों में खर्च की जायेगी।

आपदा का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि जनपद हरिद्वार के कई क्षेत्र अतिवृष्टि की वजह से आपदा प्रभावित क्षेत्र हैं तथा मुख्यमंत्री से सलाह मशविरा करके आपदा के अन्तर्गत जो भी कार्य करने होंगे वे किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने के लिये एक केन्द्रीय टीम भी यहां आ रही है।

जगह-जगह हो रहे जल भराव का उल्लेख करते हुये कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बहुत से नाले पहले उत्तर प्रदेश के पास थे, लेकिन अब वे उत्तराखण्ड के अधीन हैं, ऐसे नालों आदि की सफाई के लिये एक ड्रेनेज विभाग सृजित करने के लिये प्रस्ताव लाया जायेगा।

जिला योजना समिति की बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल एवं मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने विभिन्न विभागों-कृषि, उद्यान एवं भेषज, गन्ना विकास, पशु पालन, दुग्ध,  मत्स्य, सहकारिता, रेशम, वानिकी, सामुदायिक विकास, सिंचाई, सिंचाई नलकूप, लघु सिंचाई, वैकल्पिक ऊर्जा,(उरेडा), लोक निर्माण, सूचना, माध्यमिक शिक्षा, खेलकूद, युवा कल्याण|

होम्योपैथिक चिकित्सा, एलोपैथिक चिकित्सा, पंचायती राज विभाग, जल संस्थान, पेयजल निगम, पर्यटन, अर्थ एवं संख्या, लघु उद्योग विभाग आदि को कितना बजट प्रस्तावित किया जा रहा है, प्रस्तावित धनराशि से कौन-कौन से कार्य किये जायेंगे  तथा इनसे कितने व्यक्ति आदि लाभान्वित होंगे, के सम्बन्ध में विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया, जिसका अनुमोदन जनपद प्रभारी मंत्री ने किया।

समिति की बैठक में रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, ज्वालापुर विधायक ई0 रवि बहादुर, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, झबरेड़ा विधायक विरेन्द्र कुमार, पिरान कलियर विधायक फुरकान अहमद, मंगलौर विधायक सरबत करीम अंसारी, लक्सर विधायक शहजाद, हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत तथा जिला योजना समिति के सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों की जन-समस्याओं को प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज के सम्मुख रखा, जिस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों की जो भी समस्या हंै, उनका समाधान अवश्य किया जायेगा।

बैठक में अधिकतर जन-प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में हैण्डपम्पों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया, जिस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों के अनुरोध पर हैण्डपम्पों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ाई जायेगी। मेला नियंत्रण भवन परिसर पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने स्वागत व अभिनन्दन स्वरूप तुलसी का पौधा भेंट किया।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, जिला योजना समिति के सभी सदस्य, पीडी कैलाश तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 मनीष दत्त, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, डीईएसटीओ नलिनी ध्यानी, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई मंजू, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान मदन सेन, अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुभाष शाक्य, राजस्व, समाज कल्याण, विद्युत, शिक्षा, महिला एवं बाल विकाास, उद्योग, उद्यान, परिवहन, सेवायोजन, पर्यटन, पशुपालन, डेयरी विकास, ग्रामीण निर्माण, गन्ना, वन सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

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