कैबिनेट बैठक में आठ अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में राज्य हित से जुड़े कुल आठ महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गयी है। बैठक में महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) नियमावली में संशोधन और राज्य स्थापना दिवस पर विधानसभा सत्र से संबंधित कई अहम निर्णय लिए गए है।
कैबिनेट ने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के तहत बड़ा फैसला लेते हुए मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में तब्दील करने को मंजूरी दे दी गयी है। इसके साथ ही सुपरवाइजर नियमावली में संशोधन किया गया है। अब 50 प्रतिशत पद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से ही भरे जाएंगे। इससे जमीनी स्तर पर कार्यरत महिलाओं को पदोन्नति के नए अवसर मिलेंगे।
कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी आज सचिव गृह श्री शैलेश बगौली ने मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने उत्तराखण्ड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 के संशोधन को मंजूरी दी।सुपरवाइजर सेवा नियमावली के अंतर्गत सुपरवाइजर के पदों पर 50% सीधी… pic.twitter.com/e4KmlMQnlA
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) October 13, 2025
राजधानी देहरादून के रायपुर क्षेत्र में बनने वाली नई विधानसभा भवन परियोजना के लिए फ्री जोन में छूट दी गई है। अब इस क्षेत्र में मकान और छोटी दुकानों के निर्माण की अनुमति भी दी जा सकेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी गई है।
अब कर्मचारियों को एक बार तबादले में छूट की व्यवस्था मिलेगी, जिससे स्थानांतरण प्रक्रिया अधिक लचीली हो जाएगी। कैबिनेट में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) नियमावली में भी आंशिक बदलाव को मंजूरी दी है। अब नेपाल और भूटान के नागरिकों की शादियों का पंजीकरण भी यूसीसी पोर्टल पर आधार कार्ड या विदेशी पंजीकरण के आधार पर किया जा सकेगा।
राज्य स्थापना दिवस (9 नवंबर) के अवसर पर आयोजित होने वाले विधानसभा सत्र की तिथि तय करने का अधिकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा गया है। कार्मिक विभाग की पदोन्नति नियमावली में संशोधन किया गया है। अब यदि कोई कर्मचारी किसी पद पर 50 प्रतिशत सेवा पूरी कर चुका है और दूसरी सेवा में स्थानांतरित होना चाहता है, तो उसे शीतलीकरण अवधि का लाभ पदोन्नति में मिलेगा। वित्त विभाग के अंतर्गत पब्लिक सेंटर से संबंधित नया नियम लागू किया गया है। अब ऐसे सेंटर जो 100 प्रतिशत टेकिंग पर कार्यरत हैं, उन्हें अपने शुद्ध मुनाफे का 15 प्रतिशत राज्य सरकार को देना होगा।