रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा प्रकरण में वकील साहब गिरफ्तार

रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा प्रकरण में वकील साहब गिरफ्तार
पकड़ा गया आरोपी अधिवक्ता।

देहरादून। Advocate arrested in registry forgery case रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्री फर्जीवाड़े प्रकरण में वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। कई दिन की आंख मिचौली के बाद विरमानी अपने ही घर से एसआईटी हत्थे चढ़ा।

अधिवक्ता विरमानी पर आरोप है कि उन्होंने अपने मुंशी और वकील इमरान के साथ मिलकर करोड़ों का खेल किया। मामले में अब तक नौ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। सरकार की छवि को प्रभावित करने वाले इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीर रुख अपनाया था। उनके निर्देश पर इस मामले की जांच करने और गुनहगारों की धर पकड़ के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।

जांच टीम ने शनिवार की देर रात कमल विरमानी को गिरफ्तार कर लिया। इससे पूर्व जमीनों की धोखाधड़ी में पुलिस द्वारा देहरादून के वकील इमरान सहित नौ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, उनमें वकील कमल विरमानी का मुंशी भी शामिल है। उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही विरमानी पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी।

हालांकि अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए  वकील कमल विरमानी ने कोर्ट में सरेंडर की अर्जी भी लगाई थी। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने कमल विरमानी को गिरफ्तार कर लिया।

वादी संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून व जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट के बाबत अज्ञात अभियुक्तों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षड़यन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम द्वितीय जनपद देहरादून में भिन्न-भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दों के क्रमश (विलेख सं0 2719/2720 वर्ष 1972, विलेख सं0 3193, विलेख सं0 3192, विलेख सं0 545 वर्ष 1969 विलेख सं010802/10803 ) के साथ छेड़छाड़ कर अभिलेखो की कूटरचना करना के सम्बन्ध में दी गयी तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून पर मु0अ0सं0 281/2023 धारा 420/120बी/467/468/47 भादवि बनाम अज्ञात अभियुक्तगण पंजीकृत किया। गया।

रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की

पुलिस उमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा उपरोक्त प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 टीम का गठन किया गया टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 50 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की|

पूछताछ में कुछ प्रॉपर्टी डीलर के नाम प्रकाश में आये जिनसे गहन पूछताछ में उक्त फर्जीवाड़े में कई लोगों के नाम प्रकाश में आये गठित टीम द्वारा कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया जिसमें करोड़ांे रुपयों का लेन-देन होना पाया गया। इन लोगों द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाड़े का होना भी पाया गया।

मुकदमा उपरोक्त में पूर्व में ही अभियुक्त गण मक्खन सिंह, सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल व रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द, अधिवक्ता इमरान अहमद, रोहताश सिंह, राजस्व अभिलेखागार में नियुक्त विकास पाण्डे, रिकॉर्ड रूम में नियुक्त अजय सिंह क्षेत्री को गिरफ्तार किया जा चुका है जो वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरूद्ध है।

इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आये थे जिनकी जिनकी तलाश में गठित टीम द्वारा लगातार दबिशें, पतारसी-सुरागरसी कर रही है। पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश में आये अभियुक्तगणों के सम्भावित ठिकानों पर गठित टीम द्वारा बराबर दबिशे दी जा रही है|

एसआईटी टीम द्वारा रात दिन कड़ी मेहनत व अथक प्रयासों से मुखबिरों की सहायता से दि0 26.08.2023 को देर रात्रि क्रॉस रोड मॉल के बाहर से वांछित अभियुक्त कमल बिरमानी पुत्र स्व0 हरीश चन्द्र बिरमानी निवासी 43ए ईदगाह देहरादून को पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया।

अभियुक्त से पूछताछ में यह बात प्रकाश में आयी कि अभियुक्त सहारनपुर निवासी के0पी0 सिंह (कंवर पाल) को काफी सालों से जानता था के0पी0 इनके पास डालनवाला की एक प्रॉपर्टी का केस लेकर आया था जिसमें अभियुक्त ने के0पी0 की काफी मदद की थी उसके पश्चात के0पी0 ने इनको सहारनपुर में कुछ जमीनो के पुरानी रजिस्ट्री बनवाकर अपने व अपने जानने वालों के नाम चढ़ाकर करोड़ो रूपये कमाने की बाते बतायी थी|

राजस्व रिकॉर्ड रूम में नाम दर्ज करा दिया जाता था

के0पी0 द्वारा देहरादून में भी पुरानी व विवादित जमीनो पर इसी तरह काम करने के लिए इनसे सलाह मांगी गयी थी रूपयों के लालच में आकर अभियुक्त ने के0पी0 को क्लेमनटाउन, पटेलनगर, रायपुर, नवादा, रैनापुर से सम्बन्धित जमींनो के बारे में बताया था तथा उन जमीनो की रजिस्ट्री का मैटर (ड्राफ्टिंग) भी बनाकर दिया था और अपने मुंशी रोहताश तथा वकील इमरान को के0पी0 से मिलवाकर रजिस्ट्रार और तहसील में इनकी मदद करने के लिए बताया था।

पुराने स्टाम्प पेपर और मुहरों की व्यवस्था के0पी0 करता था तथा उसमें जो मैटर (ड्राफ्टिंग) लिखा जाता था वह अभि0 बिरमानी इनको बनाकर देता था इसके बाद वकील इमरान और मुंशी रोहताश द्वारा रजिस्ट्रार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में अजय क्षेत्री, डालचन्द, विकास पाण्डे की सहायता से उन कागजो को रिकॉर्ड रूम में रख दिये जाते थे इसके बाद अभि0 कमल बिरमानी द्वारा उनसे सम्बन्धित केसो की पैरवी अपने स्तर से करवाकर राजस्व रिकॉर्ड रूम में नाम दर्ज करा दिया जाता था।

अभियुक्त की पूछताछ में कई अन्य अभियुक्तों के नाम भी प्रकाश में आये है जिनके सम्बन्ध में टीम द्वारा गहन जाँच एवं साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है। गठित टीम द्वारा अब तक इस रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में 09 अभियुक्तों की गिरफ्तार किया गया है तथा अन्य प्रकाश में आये अभियुक्तों के विरूद्ध साक्ष्य संकलन एवं बराबर दबिशें दी जा रही है।

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