दो मस्जिदों के खिलाफ लाउडस्पीकर प्रयोग करने पर कार्रवाई

  • दो मस्जिदों के खिलाफ लाउडस्पीकर प्रयोग करने पर कार्रवाई
  • उत्तराखण्ड में पहली बार किसी धार्मिक स्थल के खिलाफ केस
  • कावड़ यात्रा में हुए शोर के बाद जागे प्रशासन ने दिखाई सख्ती


देहरादून।
उत्तराखण्ड में पहली बार किसी धार्मिक स्थल के खिलाफ तेज आवाज में लाउडस्पीकर उपयोग करने के चलते मामला दर्ज किया गया है। देहरादून के थाना रायपुर में भगत सिंह कॉलोनी व सहस्त्रधारा क्रॉसिंग की जामा मस्जिद के इमाम के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने की बात सामने आई है। संभतः उत्तराखण्ड में इस प्रकार का यह पहला मामला है। कावड़ यात्रा में हुए शोर के बाद जागे प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए अब धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की शुरूआत की है।


सोमवार को धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर चलाने पर रायपुर पुलिस ने दो धार्मिक स्थलों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की है। कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की गई है। रायपुर थानाध्यक्ष के अनुसार तेज लाउडस्पीकर बजाने के चलते कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की गई। जिसके चलते पुलिस ने धार्मिक स्थलों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की। सहस्त्रधारा क्रॉसिंग की जामा मस्जिद के इमाम मौलाना तनवीर पुत्र नईम अहमद के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। रायपुर एसओ मनमोहन नेगी ने बताया कि एसएसआई बलदीप सिंह की ओर से आजाद नगर कॉलोनी सहस्त्रधारा क्रॉसिंग की जामा मस्जिद के मौलवी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

वहीं, जमीयत उलमा-ए-हिंद के जिलाध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी व उपाध्यक्ष मास्टर अब्दुल सत्तार ने कहा कि मस्जिदों को नोटिस आने के बाद मस्जिदों की ओर से जिला प्रशासन ओर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से परमिशन के लिए आवेदन किया गया है, मगर अनुमति नही दी जा रही है। उनका कहना है कि हाई कोर्ड प्रमीशन लेने की बात कहता है, मगर जिला प्रशासन अनुमति प्रदान नही कर रहा है। उनका कहना है कि वर्तामान समय में पुलिस और प्रशासन द्वारा बताई गई आवाज के मुताबिक ही लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है। उसके बावजूद भी अगर मुकदमा किया गया है तो कानूनी राय ली जाएगी। उन्होने कहा कि जमीयत व सभी मस्जिदें कानून का सम्मान करती है। कोर्ट के आदेशों का पालन किया जा रहा है। मस्जिदों पर एकतरफा कार्रवाई न की जाए।

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