- अल्पसंख्यकों के शैक्षिक विकास के प्रति सरकार गंभीरः डॉ. धन सिंह
- समुदाय के आर्थिक व शैक्षिक विकास पर चर्चा कर आयोग ने मांगे सुझाव
- मदरसा शिक्षकों के लंबित वेतन मामले में उच्च स्तरीय अधिकारियों से वार्ता का आशवासन
देहरादून। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के आर्थिक व शैक्षिक विकास को लेकर आयोजित गोष्ठी में विषय विशेषज्ञ एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने अपने विचार व सुझाव आयोग के समक्ष रखे। गुरुवार को उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के आर्थिक एवं शैक्षिक विकास को लेकर राजपुर रोड़ स्थित पीटी सेमिनार ऑडिटोरियम में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ प्रदेश के शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक एवं शैक्षिक विकास के प्रति गंभीर व तत्पर है। कार्यक्रम में मौजूद मदरसा शिक्षकों के लंबित वेतन के मामले में शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मैं स्वयं इस प्रकरण पर दिल्ली जाकर उच्च स्तरीय अधिकारियों से वार्ता करूँगा।
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ. आरके जैन ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास आयोग की पहली प्राथमिकता है। आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। एचएनबी विवि के डॉ. अफरोज इकबाल ने संविधान के विभिन्न अनुच्छेद में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए दिए गए अधिकारों की जानकारी दी। कुमांयू विवि के डॉ. शहराज अली ने कहा कि सर्वप्रथम हमें अपने बच्चों के भीतर से परंपरागत रूढ़िवादिता को बाहर लाना होगा। इस अवसर पर उपाध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह, सदस्य सीमा जावेद, परमिंदर सिंह, गुलाम मुस्तफा, असगर अली, आयोग के सचिव जेएस रावत, शमा परवीन, मौलाना रिसालुद्दीन हक्कानी, मौलाना इफ्तिखार कासमी, मौलाना नूर इलाही व मुफ्ति खुशनूद आदि मौजूद रहे।
अल्पसंख्यक समुदाय के इन लोगों ने दिए सुझाव
खुर्शीद अहमद ने कहा कि खाली पड़ी वक्फ सम्पतियों पर मॉडल स्कूल व कम्युनिटी सेंटर खोले जाये, बालिका शिक्षा के लिये बालिकाओं के लिये मदरसे-स्कूल खोले जाने व स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम आयोजित किये जाने की जरूरत है। मौलाना अब्दुल कलाम मदरसा के प्रधानाचार्य ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। जागरूकता की कमी है, शैक्षणिक विकास के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हों। अधिवक्ता सुनील जैन ने कहा कि आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास के लिए कम्युनिटी सेंटर की स्थापना की जाय। इनके अलावा सिख समाज से हरविंदर सिंह, क्रिश्चियन समुदाय से सुंदर सिंह, कैरोल रोजर्स, बौद्ध समुदाय से ऋषिपाल सिंह ने भी अपने सुझाव रखे।