यूपीईएस ने किया ‘द हेलमेट मैन ऑफ इंडिया’ अभियान का आयोजन
सड़क सुरक्षा अभियान के तहत छात्रों को किया जा रहा जागरूक
दोपहिया वाहनों की सड़क दुर्घटनाओं के कारण मौतें बढ़ी
देहरादून। यूपीईएस स्टूडेंट वेलफेयर विभाग की ओर से छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 28 मार्च से शुरू होकर एक सप्ताह तक चलने वाला सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। विभाग ने ‘द हेलमेट मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से लोकप्रिय राघवेन्द्र कुमार और यातायात पुलिस के एसपी अक्षय कोंडे को विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्टाफ के साथ बातचीत के लिये आमंत्रित किया था।
विद्यार्थियों के साथ बात करते हुए राघवेन्द्र कुमार ने बताया कि कैसे सड़क दुर्घटना में उनके एक मित्र की मृत्यु हो गई थी, क्योंकि उसने हेलमेट नहीं पहना था। उन्होंने यातायात नियमों का पालन करने और सुरक्षित ढंग से ड्राइविंग करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘भारत में दोपहिया वाहनों की सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतें बढ़ी हैं, जिनमें से ज्यादातर का कारण सिर पर लगने वाली चोट है। भारत में अब भी ड्राइविंग के समय हेलमेट पहनना जरूरी नहीं समझा जाता है और इसलिये ऐसे जागरूकता अभियान आवश्यक हैं, खासकर युवा पीढ़ी के लिये। इस बातचीत के बाद यूपीईएस के बिधोली और कंडोली स्थित परिसरों में नुक्कड़ नाटक हुए।
इस कार्यक्रम के तहत, विद्यार्थी स्वयंसेवियों, यूपीईएस स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के सदस्यों, स्थानीय पुलिसकर्मियों और यातायात पुलिसकर्मियों ने देहरादून के प्रेम नगर पुलिस थाने से लेकर नंदा की चौकी और यूपीईएस के बिधोली परिसर के बीच 9 किमी के रास्ते की विभिन्न जगहों और दोनों परिसरों के पार्किंग लॉट में मौजूद रहकर नियम तोड़ने वालों को रोका और उन्हें परामर्श दिया। इस प्रकार उन्हें यातायात नियमों और अनुशासित ड्राइविंग के महत्व पर जागरूक किया गया। ‘द हेलमेट मैन ऑफ इंडिया’ ने उन्हें उपहार में मुफ्त हेलमेट भी दिये। दो दिन के कैम्पेन के बाद यातायात पुलिस किसी भी नियम को तोड़ने वाले ड्राइवरों का चालान काटना शुरू करेगी। इसके अलावा उन्हें पार्किंग लॉट में पार्क करने की अनुमति भी नहीं होगी।
इस पहल के बारे में यूपीईएस के वीसी डॉ. सुनील राय ने कहा, ‘सड़क दुर्घटनाएं 15 से 25 साल के युवाओं की मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं और इसलिये विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा पर शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
स्टूडेंट वेलफेयर के डीन और प्रोफेसर डॉ. निशांत मिश्रा ने कहा, ‘यूपीईएस में हम सड़क सुरक्षा के मामले में बदलाव के दूत बनना चाहते थे, क्योंकि सड़क सुरक्षा जीवन की सुरक्षा के बराबर है। इस पहल को स्थानीय प्रशासन, प्राधिकारियों, नजदीकी निजी होस्टलों के मालिकों और आस-पास की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के प्रतिनिधियों का समर्थन मिला। इन सभी ने अभियान में शामिल होकर लोगों से इसमें भाग लेने और कार्यक्रम में मौजूद रहने का आग्रह किया, ताकि विद्यार्थी और स्थानीय निवासी सुरक्षित रहें।