देहरादून। मसूरी में उत्तराखंड के शताब्दी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि देने पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने राज्य सरकार पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों की भावनाओं की अनदेखी की है। करन माहरा ने शहीद स्थल पर उपवास पर बैठे आंदोलनकारी कमल भंडारी का उपवास तुड़वाया। उन्होंने कहा कि वे उनकी पीड़ा को लेकर सरकार से बात करेंगे।
शहीद स्थल पर पहुंचे करण माहरा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य उन आंदोलनकारियों की कुर्बानियों पर टिका है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। माहरा ने कहा कि आज वही आंदोलनकारी और उनके परिजन न्याय की प्रतीक्षा में बैठे हैं, जबकि सरकार उत्तराखंड शहीदों को भूल चुकी है। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष का जश्न तभी सार्थक होगा जब राज्य सरकार शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनेगा।
आज मसूरी में उत्तराखंड पर्यटन एवं तीर्थाटन संरक्षण समिति एवं मसूरी नगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्थापना दिवस रजत जयंती कार्यक्रम में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर मसूरी के शहीद स्थल (झूला घर) में जाकर राज्य आंदोलन के अमर शहीदों की… pic.twitter.com/UX0THZTbeC
— Karan Mahara (@KaranMahara_INC) November 9, 2025
करन माहरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया उत्तराखंड यात्रा पर लगभग 8 हजार करोड़ की योजनाओं की घोषणा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहाकि यही कहानी बिहार में भी दोहराई गई। चुनाव से पहले वहां भी 80,हजार करोड़ की घोषणा हुई, लेकिन आज बिहार के लोग पूछ रहे हैं कि वह पैसा कहां गया?
माहरा ने आरोप लगाया कि हल्द्वानी में घोषित 2,2 हजार करोड़ की योजना तीन साल बाद भी धरातल पर नहीं उतरी है। उन्होंने कहा कि घोषणाएं करना आसान है, लेकिन उन्हें अमल में लाना मुश्किल है। प्रधानमंत्री उत्तराखंड में बार-बार आते हैं, पर वादे वही पुराने वायदे दोहराते है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज हालात इतने खराब हैं कि सरकार को कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। माहरा ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड को कर्ज के जाल में फंसा दिया है।
माहरा ने कहा कि विधानसभा सत्र में सरकार को राज्य के विकास, नई तकनीकी और आपदा प्रबंधन पर चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन चर्चा “भ्रम फैलाने” तक सीमित रही। उन्होंने भर्ती घोटालों और पेपर लीक प्रकरणों का जिक्र करते हुए कहा कि नकल विरोधी कानून बनाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। . प्रदेश का ऋण पिछले 10 वर्षों में पांच गुना बढ़ गया है।
