देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय महामंत्री एवं मीडिया प्रभारी किरन रावत ने पूरे उत्तराखंड में दो दिवसीय मूसलाधार बारिश से होने वाले नुकसान एवं जनहानि पर कहा की सरकार के विकास के दावे पूर्ण रूप से फेल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि बारिश ने विकास कार्यों के दावों की पोल खोल दी है।
उन्होंने कहा कि आपदा कहकर सरकार अपनी जिम्मेदारियां से पल्ला नहीं झाड़ सकती है और पहाड़ के गांव की बात करें तो लोगों के खेत खलियान बह गए हैं और बेचारे भरी बरसात में भीगने को मजबूर हो गए हैं और क्या यही सरकार का विकास है मैदानी जिलों की बात करें तो विकास के नाम पर सभी नाले खाले ढक दिए गए हैं जिस वजह से बरसात का पानी सड़कों में, गलियारों में बह रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे आमजन को आने जाने में असुविधा, दुर्घटना का खतरा तथा घरों के अंदर पानी घुसने से बहुत अधिक नुकसान हो रहा है और अब यदि सरकार के विकास कार्यों की बात करें तो सरकार भली भांति ज्ञात होने के बावजूद कि प्रतिवर्ष चार धाम यात्रा होती है तो इसकी तैयारियां पूर्व में ही सुनिश्चित की जानी चाहिए स ऑल वेदर रोड की बात करें तो प्रतिवर्ष एक ही वेदर को झेलने में असमर्थ है।
किरन रावत ने कहा कि नुकसान तो हो ही रहा है किंतु जनहानि जो हो रही है उनका दायित्व कौन लेगा और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि चार धामों के दर्शन करने आए हुए श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ रही है, किंतु सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है स वह तो प्रतिवर्ष की भांति कह देती है कि सभी जिलाधिकारी अलर्ट मोड पर रहे स किंतु दुर्घटनाओं की संख्या प्रत्येक वर्ष बढ़ती ही जा रही है ससब कुछ जानते और समझते हुए भी सरकार चार धाम यात्रा के लिए पूर्व में ही कोई ठोस मास्टर प्लान क्यों नहीं बनाती है।
उन्होंने कहा कि अगर बजट की बात करें तो जांच की जाए तो कई भ्रष्टाचार उजागर हो जाएंगे स ऑल वेदर रोड के लिए करोड़ों का बजट लगा है किंतु कभी पुल गिर जाते हैं कभी सड़के बह जाती हैं और जनहानि सबसे दुखद है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल सरकार से स्पष्ट मांग करता है कि जो भी परिवार प्रभावित हुए हैं उनको मुआवजा दिया जाए तथा तत्काल समीक्षा बैठक की जाए कि किस प्रकार से इस प्रकार की दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
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