- वक्फ बोर्ड-आईसीआईसीआई फाउंडेशन ने शुरू किया प्रशिक्षण कार्यक्रम
- प्रथम बेच में 100 छात्रों को मिलेगा व्यवसायिक प्रशिक्षण व रोजगार
- बेरोजगार युवाओं को मिला जीवन बदलने का अवसरः शम्स
देहरादून। 72 days training will provide 100 percent employment उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड ने आईसीआईसीआई फाउंडेशन के साथ मिल नौजवानों को रोजगार के अवसर मुहय्या कराने के लिये एक व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत प्रथम चरण में देहरादून के 100 छात्रों को तीन माह का व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर बैंकों व अन्य कम्पनियों में प्लेमेंट दिलाया जाएगा।
गुरुवार को आईसीआईसीआई फाउंडेशन की देहरादून स्थित ब्रांच में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा की बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड ने आईसीआईसीआई फाउंडेशन के साथ करार किया है।
आईसीआईसीआई फाउंडेशन युवाओं को 72 दिन का व्यवसायिक प्रशिक्षण देगा, शत-प्रतिशत जॉब गारंटी रहेगी, सभी प्रशिक्षण युवाओं को नौकरी दिलाई जाएगी। प्रशिक्षण के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों से प्रमाण पत्र व नौकरी के सर्टिफिकेट दिये जाएंगे। अभी देहरादून से इस व्यवसायिक प्रशिक्षण की शुरूआत की गई है, अभी हिरद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में भी इस प्रकार के सेंटर प्रारंभ होंगे।
शम्स ने छात्रों से कहा कि आपको एक मौका मिला हैं, यह मौका आप का जीवन बदलने का अवसर हैं। इस अवसर का लाभ उठाना है और प्रदेश के विकास में अपना योगदान देना है। अपर सचिव वन व वक्फ बोर्ड सदस्य कहकशा नसीम ने कहा की जब तक महिलाए आत्मर्निभर नही होगा, महिलाओं का सतिश्क्तकरण नही होगा। उन्होने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप की जिम्मेदारी ज्यादा हैं, आप से आशा हैं की आप हमे निराश नहीं करेंगे।
आईसीआईसीआई फाउंडेशन के ब्रांच मैनेजर अमित सिन्हा ने कहा कि बच्चों को प्रशिक्षण दे कर रोजगार में मौके उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रशिक्षण के दौरान बच्चों का जीवन बदलने के लिए काम किया जाएगा। कहा कि वैसे तो यह प्रशिक्षण 72 दिनों का है, मगर 50 दिन के प्रशिक्षण के आद ही जॉब दिला दी जाएगी, प्रतिभागियों के पास मौका होगा कि वह दून में जॉब करे या बाहर।
इस मौके पर उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सय्यद शिराज़ उस्मान, धामावाला मस्जिद के प्रशासक गुलफाम
शैख, नावेद अली, बोर्ड इं. मौहम्मद अली व बौर्ड के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।