बनभूलपुरा हिंसा के 50 आरोपियों को मिली जमानत

बनभूलपुरा हिंसा के 50 आरोपियों को मिली जमानत
https://insaafkidastak.com/wp-content/uploads/2024/09/Prayag-IAS.jpg
https://insaafkidastak.com/wp-content/uploads/2024/09/Prayag-IAS.jpg

वनभूलपूरा हिंसा फ़ाइल फोटो |

नैनीताल। 50 accused of Banbhoolpura violence got bail बहुचर्चित बनभूलपुरा हिंसा मामले में बुधवार को आरोपियों को नैनीताल हाईकोर्ट से उस समय बड़ी राहत मिल गई जब इस मामले के 50 आरोपियों की जमानत को मंजूर कर लिया गया। उल्लेखनीय है कि इस मामले में एक आरोपी तस्लीम कुरैशी और मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की पत्नी सोफिया मलिक को पहले ही जमानत मिल चुकी है।

बीते साल 8 फरवरी को अतिक्रमण अभियान हटाने के दौरान हल्द्वानी के बनभूलपुरा में व्यापक स्तर पर हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी जिसमें दंगाइयों ने थाने तक को फूंक डाला था तथा इस हिंसा में छह लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। हिंसा, आगजनी और पथराव की इस घटना ने प्रदेश के शासन-प्रशासन तक को हिला कर रख दिया था तथा दर्जनों पुलिसकर्मी भी इसमें घायल हुए थे। राज्य गठन के बाद हिंसा की यह सबसे बड़ी वारदात के रूप में सामने आने वाली घटना थी।

पुलिस द्वारा मौके से 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जबकि नौ लोगों के पोस्टर तक छापे गए थे। इस मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक व उसकी पत्नी सहित कुल 107 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इन आरोपियों द्वारा निचली अदालतों में अपनी जमानत के लिए याचिका दी गई थी जो खारिज हो गई थी। एक आरोपी तस्लीम कुरैशी को अभी 16 जून को गंभीर रूप से बीमारी के आधार पर तथा मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की पत्नी सोफिया मलिक को बीती 4 जून को जमानत दी जा चुकी है।

अन्य 50 आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 दिन पूर्व वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने इनकी बेल पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज फैसला सुनाते हुए 50 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का फैसला सुनाया गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस मामले में अभी मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे को जमानत नहीं मिल सकी है।

इस मामले में गिरफ्तार कुल 107 लोगों में से 52 लोगों की जमानत ही मंजूर हुई है लेकिन अन्य आरोपियों को भी जमानत मिलने की संभावना जरूर की जा रही है। आरोपियों का कहना था कि 90 दिन बाद भी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जा सका हैं और न ही रिमांड बढ़ाने का कोई ठोस कारण पेश किया गया है इसलिए उनकी जमानत मंजूर की जानी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here