- यूटीडीबी ने चारधाम यात्रा के लिए जारी की एडवाइजरी
- स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही करे यात्रा
- चारधाम यात्रा मार्गों पर 215 एंबुलेंस है तैनात
देहरादून। चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए स्घ्वास्घ्थ्घ्य विभाग की ओर से जारी की गई स्वास्थ्य संबंधी एडवाइजरी को उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) ने अपने विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया है।
चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। इन स्थानों पर तीर्थयात्री अत्यधिक ठंड, कम आद्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में तीर्थयात्रियों के सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य संबंधी एडवाइजरी जारी की गई है। जिसे यूटीडीबी के फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब, लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा करने के साथ विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है।
केदारनाथ मार्ग में 8 स्थाई चिकित्सालय उपलब्ध हैं और 14 अस्थाई एमआरपी (मेडिकल रिलीफ पोस्ट) बनाए गए हैं। गंगोत्री मार्ग से 10 स्थाई चिकित्सालय उपलब्ध है व 3 एएफएम (फस्ट मेडिकल रिस्पोन्डर) बनाए गए हैं। यमुनोत्री मार्ग पर 11 स्थाई चिकित्सालय उपलब्ध हैं और 1 एमआरपी (मेडिकल रिलिफ पोस्ट) एंव 5 एफएमआर (फस्ट मेडिकल रिस्पोन्डर) बनाए गए हैं। जबकि बदरीनाथ मार्ग पर 19 स्थाई चिकित्सालय उपलब्ध हैं और 1 एमआरपी (मेडिकल रिलिफ पोस्ट) बनाए गई है। देहरादून जिले में 3 स्थाई चिकित्सालय के साथ संयुक्त बस अड्डा ऋषिकेश में 1 एमआरपी बनाई गई है। साथ ही यात्रा मार्ग में 8 ब्लड बैंक और 4 ब्लड स्टोरेज बनाए गए हैं। यात्रियों को आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधायें के लिये 108 हेल्पलाईन नंबर एवं अधिक जानकारी के लिये 104 हेल्पलाईन नंबर उपलब्ध है। चारधाम यात्रा मार्ग पर आने वाले जिलों में कुल 113 विभागीय एंबुलेंस और 108 सेवा की 102 एंबुलेंस तैनात है। इसमें से रुद्रप्रयाग में 13, टिहरी में 25, देहरादून में 6, चमोली में 31, उत्तरकाशी में 29, हरिद्वार में 59 और पौड़ी में 42 एंबुलेंस तैनात की गई है।
यह है स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन
देहरादून। प्रधानमंत्री कार्यालय से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही यात्रा करें। पहले से बीमार लोग अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा व चिकित्सक का संपर्क नंबर और चिकित्सक की ओर से लिखी गयी दवाईयां अपने साथ रखें। ज्घ्यादा बुजुर्ग, बीमार या कोविड से ग्रस्त हो चुके व्घ्यक्ति या तो यात्रा न करें या कुछ समय के लिए टाल दें। तीर्थस्थल पर पहुंचने से पहले रास्ते में एक दिन का आराम जरूर करें। गर्म और ऊनी कपड़े साथ में रखें। हार्ट पेशंट, स्वांस रोगी, डायाबटिीज, हाई बीपी के मरीज ऊंचाई वाले क्षेत्रों में विशेष सावधानी रखें। सिर दर्द, चक्कर आना, घबराहट, दिल की धड़कनें तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खांसी आना या दूसरे लक्षण होने पर फौरन निकटतम स्वास्घ्थ्य केंद्र पर पहुंचें और 104 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। धूम्रपान व दूसरे मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें। सनस्घ्क्रीन 50 एसपीएफ का प्रयोग त्वचा को तेज धूप से बचाने में करें। अल्घ्ट्रावायलेट किरणों से आंखों को बचाने के लिए सन ग्लास का प्रयोग करें। यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और खाली पेट न रहें। लंबी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करते रहें। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्घ्यायाम करने से बचें। किसी भी स्वास्थ्घ्य संबंधी जानकारी के लिए 104 और ऐम्घ्बुलेस के लिए 108 हेल्पलाइन पर संपर्क करें।