वनों में धधकते ज्वालामुखीं सरकार की नाकामी को कर रहे उजागरः कांग्रेस

  • वनों में धधकते ज्वालामुखीं सरकार की नाकामी को कर रहे उजागरः कांग्रेस
  • उत्तराखण्ड के लगभग 50 प्रतिशत वनों में लगी हुई है आग
  • खामियाजा भुगत रहे वनो पर आधारित गांववासी एवं वन्य जीवः जोशी


देहरादून।
प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मकाल शुरू होते ही उत्तराखण्ड के जंगल आग से धधकने लगते हैं, मगर सरकार इस आपदा से निपटने के समय रहते इंतजामात करने में पूरी तरह विफल रही है। इस वनाग्नि में न केवल करोड़ों रूपये की वन सम्पदा जल कर नष्ट हो जाती है अपितु वन्य जीवों को भी भारी नुकसान पहुंचता है इसके बावजूद राज्य सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है। आज उत्तराखण्ड के लगभग 50 प्रतिशत वनों में आग लगी हुई है, भाजपा सरकार कानों में रूई ठूस कर सो रही है।


उत्तराखण्ड के जंगलों में लगी भीषण आग पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस महामंत्री संगठन एवं वरिष्ठ प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने कहा कि हर साल मार्च के अंतिम सप्ताह से उत्तराखण्ड के वनों में आग लगनी शुरू हो जाती है, मगर जब तक यह दावानल का रूप नहीं ले लेती है तब तक सरकार आंख मूद कर सोई रहती है। उन्होंने कहा कि आज लगभग एक माह से उत्तराखण्ड की वन सम्पदा वनों मे लगी आग से नष्ट होती जा रही है, मगर राज्य सरकार के स्तर से इसे बचाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आग से धधकती प्रदेश की अमूल्य वन सम्पदा के साथ ही हमारे वन्य पशु, वृक्ष-वनस्पतियां, जल स्रोत और यहां तक कि ग्लेशियर भी इस भीषण दावानल से संकट में है। आज विश्व के पर्यावरणीय वातावरण में तेजी से बदलाव आ रहा है जिसका असर हिमालय के हिमखण्डों पर भी पड़ रहा है। उत्तराखण्ड राज्य 67 प्रतिशत वनों से आच्छादित है तथा मां गंगा के साथ ही उत्तराखण्ड से निकलने वाली उसकी सहायक नदियों का भी पर्यावरण की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान है, परन्तु बार-बार मां गंगा के नाम पर वोट मांगने वाले मोदी जी एवं उनकी सरकार इसकी भी रक्षा नहीं कर पा रही है।  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here